अर्थिंग क्या है और अर्थिंग के प्रकार - What is Earthing and Types of Earthing Hindi
हेलो दोस्तो आपको स्वागत है हमारे इस पोस्ट में आज के लेख में हम जानने वाले है Earthing kise kahate hain | Earthing kam kaise karti hain | Earthing kaise karte hai | Earthing ke prakar | Earthing ki aavashykata आदि हम इस लेख में जानने वाले हैं।
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अर्थिंग क्या है और अर्थिंग के प्रकार |
अर्थिंग क्या है/What Is Earthing?
जब कोई इलेक्ट्रॉनिक मशीन सिस्टम हमें विद्युतीय ऊर्जा प्रदान करता है। तो मशीन या सिस्टम फाल्ट होता है तो वह व्यक्ति को इलेक्ट्रिकल शोक देता है। तो अर्थिंग की सहायता से विद्युतीय ऊर्जा जमीन के अंदर पहुंच जाती हैं और इलेक्ट्रॉनिक मशीन या सिस्टम हमें और सुरक्षा प्रदान करते हैं।
अर्थिंग काम कैसे करती है / How Earthing Works?
Example:- अगर कोई मशीन या सिस्टम में हमने अर्थिंग नहीं कर रखा हैं। अगर अब मशीन या सिस्टम में कोई इलेक्ट्रॉनिक फाल्ट होता है। तो मशीन या सिस्टम पर करंट आने लगता है और हमने अगर गलती से छू लिया तो हमे करंट लग सकता है।
इस कारण मशीन या सिस्टम में इलेक्ट्रिकल शॉक से बचने के लिए हमे मशीन या सिस्टम में अर्थिंग करना चाहिए। मशीन या सिस्टम का फाल्ट का करंट हमे अर्थ वायर के द्वारा जमीन के अंदर दवा देना चाहिए और अब हमे करेंट नहीं लगेगा।
अर्थिंग कैसे करते है / How do earthing
Earthing करना बहुत आसान होता है। हमे उपकरण की Body को जमीन में जोड़ना होता है।
अर्थिंग करना उदाहरण से समझते है -
• हमे यह तो पता ही होगा कि हमारी Motor Iron Steel जैसे धातु से मिलकर बनी होती है।
• Earthing करने के लिए Motor की बॉडी को Earth के साथ जोड़ देते है।
• अगर हम मोटर फाल्ट होने पर मोटर को छूते है तो हमे करंट नहीं लगेगा।
🔵 अर्थिंग के प्रकार / Types of Earthing
🔹स्ट्रिप ओर वायर अर्थिंग
🔹रॉड अर्थिंग
🔹पाइप अर्थिंग
🔹प्लेट अर्थिंग
🔹कॉइल अर्थिंग
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अर्थिंग क्या है और अर्थिंग के प्रकार |
🔹स्ट्रिप ओर वायर अर्थिंग :- Strip and Wire Earthing अर्थिंग का प्रयोग पथरीली जगह पर किया जाता है या जहा पर जमीन के अंदर पत्थर होते है वहां पर स्ट्रिप ओर वायर अर्थिंग का प्रयोग होता है।
🔹रॉड अर्थिंग :- rod earthing का प्रयोग बालू रेत वाली जगहों पर किया जाता है। अगर कोई जमीन बालू रेत वाली है तो उसमें Moisture बहुत ज्यादा मात्रा में होता है, इस कारण इस अर्थिंग की गहराई ज्यादा कि जाती है।
🔹पाइप अर्थिंग :- pipe earthing का प्रयोग सबसे ज्यादा किया जाता है, इस अर्थिंग को पाइप के अंदर करना चाहिए साथ ही यह अर्थिंग 5 से 10 फीट की गहराई तक कि जाती है।
🔹प्लेट अर्थिंग :- Plate Earthing का प्रयोग काफी करंट होता है वहां पर किया जाता हैं, यह अर्थिंग सबसे बेस्ट होती है यह अर्थिंग जिस जगह लोड होता है वहां पर की जाती हैं।
🔹कॉइल अर्थिंग :- Coil Earthing का प्रयोग बहुत कम होता है। Coil Earthing ka prayog रेलवे स्टेशन पर किया जाता है।
🔵अर्थिंग करने के लिए हमे निम्न सामान की आवश्यकता पड़ती है जिसके नाम दिए जा रहे है:-
🔹Earth Electrode / #पृथ्वी इलेक्ट्रोड
🔹Earthing Lead / #अर्थिंग लीड
🔹Earth Continuity Conductor / #पृथ्वी निरंतरता कंडक्टर
अर्थिंग की आवश्यकता / Need For Earthing
आज का युग electrical energy का युग है इस तकनीकी भरे युग में गलती से हमे कई बार करंट लग ही जाता है। इस कारण करंट से बचने के लिए अर्थिंग की हमारे जीवन में बहुत आवश्यकता है।
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में उम्मीद करती हूं कि आपको अर्थिंग किसे कहते है | अर्थिंग कैसे करते हैं | अर्थिंग के प्रकर | अर्थिंग की आवशयकता क्या है इन सब के बारे में हमने इस लेख में जाना और आपको इस लेख को शेयर करे साथ ही आप अन्य लेख पढ़ने के लिए होम पेज पर जाए।
धन्यवाद 💓
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