काव्य की परिभाषा भेद ओर प्रकार | kavya kise kahate hain
Hello दोस्तों, आज की पोस्ट में काव्य गुण के बारे में विस्तार से जानने वाले हैं | इस लेख में हमने आपको काव्य की परिभाषा , भेद प्रकारों को भी विस्तार से समझाया हैं | इस पोस्ट में आपको काव्य से संबंधित सभी जानकारी मिल जाएगी |
काव्य की परिभाषा |
काव्य किसे कहते हैं?
किसी काव्य, साहित्य या संग्रह को पढ़ते या सुनने समय मन में जो रस उत्पन्न होते हैं अर्थात् मन में जो आनंद प्रकृत होता हैं उस वाक्य को ही काव्य कहा जाता हैं |
काव्य की परिभाषा
आचार्य विश्वनाथ के शब्दों में, "वाक्यं रसात्मकं काव्यम्" अनुवाद रस से भरपूर वाक्य को ही काव्य कहा जाता हैं |
भामह के शब्दों में, "शब्दार्थो सहिर्तो काव्यं" अनुवाद जिस रचना में शब्द और वाक्य रहते हैं वही काव्य हैं अर्थात् रस युक्त वाक्य ही काव्य है |
पंडितराज जगन्नाथ के शब्दों में, "रमणीयार्थ प्रतिपादक: शब्दः काव्यं" अनुवाद रमणीय अर्थ के प्रतिपादक 'धर्म' को ही काव्य मानते हैं |
परिभाषा — जिस काव्य में सभी भाव प्रकट होते हैं वही काव्य हैं अर्थात् जिस काव्य में रस प्रकट या उत्पन्न होते है वही काव्य हैं |
• शब्द गुण किसे कहते हैं, इसके प्रकार
काव्य के भेद –
1) श्रव्य काव्य
2) दृश्य काव्य
1) श्रव्य काव्य
जब हम किसी काव्य या साहित्य को सुनते या पडते समय जो आनंद की उत्पत्ति होती हैं तो वहां पर श्रव्य काव्य होता हैं |
श्रव्य काव्य के प्रकार —
• प्रबंध काव्य
• मुक्तक काव्य
• प्रबंध काव्य किसे कहते हैं?
प्रबंध काव्य वह रचना है जो रस, छंद तथा कथा के सूत्र में बंधी हो उसे ही प्रबंध काव्य कहते हैं |
प्रबंध काव्य के भेद —
> महाकाव्य
> खंडकाव्य
> आख्यानक गीत
> महाकाव्य किसे कहते हैं?
महाकाव्य में जीवन की विशेष घटनाओं का संपूर्ण सचित्र वर्णन किया जाता हैं वही महाकाव्य कहलाता है | (महाकाव्य की परिभाषा)
• संज्ञा की परिभाषा और इसके भेद
महाकाव्य की विशेषताएं
• महाकाव्य बड़े आकार का होता हैं |
• इसमें आठ सर्ग उपस्थित रहते हैं |
• इसमें संपूर्ण जीवन चित्रण मिलता हैं |
• महाकाव्य घटना विशेष चित्रण मिलता हैं |
• उसमे पात्रों की संख्या ज्यादा रहती हैं |
• महाकाव्य में अनेक छंदों का उपयोग होता हैं |
प्रमुख महाकाव्य
रचयिता (कवि) महाकाव्य
- जयशंकर प्रसाद कामायनी
- मेथालीशरण गुप्त साकेत
- मलिक मोहम्मद जायसी पद्मावत
- तुलसीदास रामचरित्र मानस
- सुमित्रानंदन पंत लोकायतन
> खंडकाव्य किसे कहते हैं?
खंडकाव्य में जीवन के किसी एक पक्ष या घटना का वर्णन किया किया जाता है वही खंडकाव्य हैं | (खंडकाव्य की परिभाषा)
• प्रत्यय किसे कहते हैं उदाहरण सहित
खंडकाव्य की विशेषताएं —
• खंडकाव्य में नायक के एक पक्ष का वर्णन मिलता हैं |
• खंडकाव्य में एक ही छंद का उपयोग किया जाता हैं |
• खंडकाव्य में पात्रों की संख्या कम ही होता है |
• खंडकाव्य छोटे आकर के होते हैं |
• इसमें केवल एक ही सर्ग होता हैं |
रचयिता (कवि) खंडकाव्य
- मैथलीशरण गुप्त पंचवटी
- श्याम नारायण पाण्डे हल्दी घाटी का युद्ध
- तुलसी दास पार्वती मंगल
- रामधारी सिंह 'दिनकर' रश्मिरथी
- नरोत्तम दास सुदामा चरित
महाकाव्य और खंडकाव्य में अंतर लिखिए
° महाकाव्य में संपूर्ण जीवन का वर्णन रहता हैं, जबकि खंडकाव्य में जीवन के एक पक्ष का वर्णन मिलता हैं |
° महाकाव्य का नायक ऐतिहासिक होता हैं, जबकि खंडकाव्य का नायक साधारण नायक (व्यक्ति) होता हैं |
° महाकाव्य में आठ (8) सर्ग होते है, जबकि खंडकाव्य में एक ही सर्ग होता हैं |
° महाकाव्य का आकार लघु होता है, जबकि खंडकाव्य का आकार सीमित होता हैं |
° महाकाव्य में अनेक छंदों का प्रयोग किया जाता हैं, जबकि खंडकाव्य में एक ही छंद का प्रयोग होता हैं |
° महाकाव्य का आकार विशाल अर्थात् बड़ा होता हैं, जबकि खंडकाव्य का आकार सीमित अर्थात् छोटा होता हैं |
° प्रमुख महाकाव्य 'तुलसीदास' द्वारा रचित "रामचरित मानस" हैं, जबकि प्रमुख खंडकाव्य 'मैथलीशरण गुप्त' द्वारा रचित "पंचवटी" हैं |
> आख्यान गीत किसे कहते हैं?
आख्यान गीत एक ऐसी रचना हैं जिसमें एक बड़ी कथा वर्णित रहती है, तथा आख्यान गीत के छंदों में गेयता होती है उसे ही आख्यानक गीत कहते हैं। (आख्यानक गीत की परिभाषा)
रचियता (कवि) आख्यानक गीत
- मीराबाई नरसी जी का माहेरो
- सुभद्राकुमारी चौहान झाँसी की रानी
- मैथिलीशरण गुप्त रंग में भंग
- तुलसीदास हनुमान चालीसा
• मुक्तक काव्य किसे कहते हैं?
मुक्तक काव्य वह रचना हैं जिसमे कथा नही होती हैं तथा प्रत्येक छंद पहले छंद से स्वतंत्र होता हैं वही काव्य मुक्तक काव्य कहलाता हैं | (मुक्तक काव्य की परिभाषा)
मुक्तक काव्य के भेद (प्रकार) —
> पाठ्य मुक्तक
> गेय मुक्तक
> पाठ्य मुक्तक किसे कहते हैं?
इस मुक्तक काव्य में काव्य की प्रधानता रहती हैं तथा भावानुमति एवं कल्पना का प्रसंगानुसार चित्रण किया जाता हैं | (पाठ्य मुक्तक की परिभाषा)
> गेय मुक्तक किसे कहते हैं?
इस मुक्तक काव्य में भाव प्रवणता, सौन्दर्य बोध, अभिव्यक्ति की संक्षिप्तता और संगीतात्मकता आदि की प्रधानता रहती है उसे ही गेय मुक्तक कहा जाता हैं। गेय मुक्तक को गीति और प्रगीति काव्य के नाम से जाना जाता हैं | (गेय मुक्तक की परिभाषा)
रचियता (कवि) मुक्तक काव्य
- हरिवंशराय बच्चन मधुशाला
- तुलसी दास दोहावली
- बिहारी सतसई
- रहीम रहीम के पद
2) दृश्य काव्य
जब हम किसी काव्य या साहित्य को प्रत्यक्ष अपनी आंखो से देखकर जो आनंद की उत्पत्ति होती है तो वहां पर दृश्य काव्य होता हैं |
दृश्य काव्य के भेद (प्रकार) —
• रुपक
• उपरूपक
• रुपक
रुपक को रूप के आरोप के कारण रुपक कहते हैं | रुपक के भेद में प्रमुख स्थान नाटक का होता है | वैसे तो रुपक के 10 भेद या प्रकार होते हैं |
• उपरूपक
दृश्य काव्य का एक प्रमुख प्रकार उपरुपक भी हैं | उपरूपक के तीन प्रकार होते हैं पहला पद्य काव्य, दूसरा गद्य काव्य और तीसरा मिश्र काव्य हैं |
रस
रस किसे कहते हैं?
किसी काव्य या साहित्य को पढ़ते या सुनते हुए जिस प्रकार का आनंद उत्पन्न होता हैं, उसे ही रस कहते हैं | (रस की परिभाषा)
रस के ग्यारह भेद (प्रकार) होते है-
(1) शृंगार रस
(2) हास्य रस
(3) करूण रस
(4) रौद्र रस
(5) वीर रस
(6) भयानक रस
(7) बीभत्स रस
(8) अदभुत रस
(9) शान्त रस
(10) वत्सल रस
(11) भक्ति रस
इन्हें भी पढ़ें :—
• प्रत्यय किसे कहते हैं उदाहरण सहित
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